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read moreओणम, केरल का एक प्रमुख त्योहार, हर साल बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह न केवल एक त्योहार है, बल्कि यह केरल की संस्कृति, परंपरा और समृद्धि का प्रतीक है। ओणम 2025 (Onam 2025) की तैयारियां अभी से शुरू हो गई हैं, और लोग बेसब्री से इस त्योहार का इंतजार कर रहे हैं। इस लेख में, हम ओणम के महत्व, तिथि और उत्सव के बारे में विस्तार से जानेंगे।
ओणम का इतिहास राजा महाबली से जुड़ा हुआ है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, राजा महाबली एक दयालु और शक्तिशाली राजा थे, जिनका शासनकाल केरल में समृद्धि और खुशहाली लेकर आया था। उनकी लोकप्रियता देवताओं को रास नहीं आई, और उन्होंने भगवान विष्णु से मदद मांगी। भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर राजा महाबली से तीन पग भूमि दान में मांगी। राजा महाबली ने सहर्ष दान दे दिया। वामन ने दो पग में पूरी पृथ्वी और आकाश नाप लिया, और तीसरे पग के लिए राजा महाबली ने अपना सिर आगे कर दिया।
भगवान विष्णु राजा महाबली की दानशीलता और सत्यनिष्ठा से प्रसन्न हुए, और उन्हें साल में एक बार अपनी प्रजा से मिलने की अनुमति दी। ओणम का त्योहार राजा महाबली की वापसी का प्रतीक है। लोग मानते हैं कि इस दिन राजा महाबली अपनी प्रजा से मिलने आते हैं, और इसलिए हर घर को सजाया जाता है, स्वादिष्ट भोजन बनाया जाता है, और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
ओणम मलयालम कैलेंडर के चिंगम महीने में मनाया जाता है, जो आमतौर पर अगस्त-सितंबर के महीने में आता है। ओणम का त्योहार दस दिनों तक चलता है, और प्रत्येक दिन का अपना महत्व होता है। ओणम 2025 (Onam 2025) की संभावित तिथि सितंबर के पहले सप्ताह में हो सकती है। हालांकि, सटीक तिथि मलयालम कैलेंडर के अनुसार ही निर्धारित की जाएगी।
ओणम के दस दिनों के दौरान, विभिन्न प्रकार के अनुष्ठान और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। पहले दिन को अथम कहा जाता है, और इस दिन घरों को फूलों से सजाया जाता है। दूसरे दिन को चिथिरा कहा जाता है, और इस दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं और मंदिरों में दर्शन करते हैं। तीसरे दिन को स्वाति कहा जाता है, और इस दिन लोग उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं। चौथे दिन को विशाखम कहा जाता है, और इस दिन ओणम के सबसे महत्वपूर्ण भोजन, ओणम साध्या की तैयारी शुरू होती है।
पांचवें दिन को अनिज़म कहा जाता है, और इस दिन वल्लमकली (नौका दौड़) का आयोजन किया जाता है। छठे दिन को त्रिकेटा कहा जाता है, और इस दिन लोग मंदिरों में विशेष पूजा करते हैं। सातवें दिन को मूलम कहा जाता है, और इस दिन ओणम साध्या का आयोजन किया जाता है। आठवें दिन को पूरादम कहा जाता है, और इस दिन घरों को और भी अधिक सजाया जाता है। नौवें दिन को उथरादम कहा जाता है, और इस दिन राजा महाबली के स्वागत की तैयारी पूरी हो जाती है। दसवें दिन को थिरुवोनम कहा जाता है, और इस दिन ओणम का मुख्य त्योहार मनाया जाता है।
ओणम का त्योहार कई कारणों से खास है। यहां कुछ प्रमुख आकर्षण दिए गए हैं:
ओणम 2025 (Onam 2025) की तैयारी अभी से शुरू कर देना बेहतर है। यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:
ओणम न केवल एक त्योहार है, बल्कि यह एकता और भाईचारे का भी प्रतीक है। यह त्योहार सभी धर्मों और जातियों के लोगों द्वारा समान रूप से मनाया जाता है। ओणम हमें सिखाता है कि हमें एक दूसरे के साथ प्रेम और सद्भाव से रहना चाहिए। यह त्योहार हमें यह भी याद दिलाता है कि हमें अपनी संस्कृति और परंपराओं को संजो कर रखना चाहिए।
ओणम का त्योहार हमें राजा महाबली के उदार और न्यायप्रिय शासन की याद दिलाता है। यह त्योहार हमें यह भी याद दिलाता है कि हमें हमेशा सत्य और धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए। ओणम हमें सिखाता है कि हमें हमेशा दूसरों की मदद करनी चाहिए और जरूरतमंदों के प्रति दयालु रहना चाहिए। ओणम 2025 (Onam 2025) का त्योहार हमें एक बेहतर इंसान बनने के लिए प्रेरित करता है।
आजकल, ओणम को मनाने के तरीके में भी बदलाव आया है। लोग अब ऑनलाइन शॉपिंग के माध्यम से ओणम की तैयारी कर रहे हैं, और सोशल मीडिया के माध्यम से अपने दोस्तों और परिवार को शुभकामनाएं भेज रहे हैं। हालांकि, ओणम का मूल महत्व आज भी बरकरार है। लोग अभी भी पारंपरिक तरीके से ओणम साध्या बनाते हैं, पुक्कलम बनाते हैं, और वल्लमकली और कथकली जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।
ओणम हमें यह याद दिलाता है कि हमें अपनी संस्कृति और परंपराओं को आधुनिकता के साथ जोड़कर रखना चाहिए। हमें आधुनिक तकनीक का उपयोग करके ओणम को और भी अधिक लोगों तक पहुंचाना चाहिए। हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि ओणम का त्योहार हमेशा एकता और भाईचारे का प्रतीक बना रहे।
ओणम केरल का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो हर साल बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार राजा महाबली की वापसी का प्रतीक है, और यह केरल की संस्कृति, परंपरा और समृद्धि का प्रतीक है। ओणम 2025 (Onam 2025) की तैयारियां अभी से शुरू हो गई हैं, और लोग बेसब्री से इस त्योहार का इंतजार कर रहे हैं। यह त्योहार हमें एकता, भाईचारे और प्रेम का संदेश देता है। ओणम 2025 (Onam 2025) आपके जीवन में खुशियां और समृद्धि लाए, यही हमारी कामना है।
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