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read moreथाईलैंड की राजनीति में shinawatra परिवार का एक महत्वपूर्ण स्थान है। इस परिवार ने दशकों से थाईलैंड की राजनीति और अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है। इस लेख में, हम shinawatra परिवार के इतिहास, उनकी राजनीतिक यात्रा और थाईलैंड पर उनके प्रभाव के बारे में विस्तार से जानेंगे। यह कहानी सिर्फ एक परिवार की नहीं, बल्कि थाईलैंड के आधुनिक इतिहास की भी है।
थाक्सिन शिनावात्रा इस परिवार के सबसे प्रसिद्ध सदस्यों में से एक हैं। उनका जन्म 1949 में हुआ था और उन्होंने पुलिस अधिकारी के रूप में अपना करियर शुरू किया। लेकिन उनकी महत्वाकांक्षाएं इससे कहीं अधिक थीं। थाक्सिन ने टेलीकम्युनिकेशन के क्षेत्र में कदम रखा और एक सफल उद्यमी बन गए। उनकी कंपनी, एडवांस्ड इंफो सर्विस (AIS), थाईलैंड की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनियों में से एक बन गई। उनकी सफलता ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई और राजनीति में प्रवेश करने का मार्ग प्रशस्त किया।
1998 में, थाक्सिन ने थाई राक थाई पार्टी (Thai Rak Thai Party) की स्थापना की। उन्होंने गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य सेवा में सुधार और शिक्षा को बढ़ावा देने का वादा किया। उनकी नीतियों ने गरीब और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का दिल जीत लिया। 2001 में, थाक्सिन शिनावात्रा थाईलैंड के प्रधानमंत्री बने।
प्रधानमंत्री के रूप में, थाक्सिन ने कई महत्वपूर्ण नीतियां लागू कीं। उन्होंने '30 बाट स्वास्थ्य सेवा' योजना शुरू की, जिससे हर नागरिक को मामूली शुल्क पर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध हुई। उन्होंने ग्रामीण विकास के लिए भी कई कार्यक्रम शुरू किए। थाक्सिन की नीतियों ने थाईलैंड की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया और लाखों लोगों के जीवन में सुधार लाया। लेकिन उनकी नीतियां विवादों से भी घिरी रहीं। उन पर भ्रष्टाचार और सत्ता का दुरुपयोग करने के आरोप लगे।
2006 में, थाक्सिन शिनावात्रा को एक सैन्य तख्तापलट में सत्ता से बेदखल कर दिया गया। वह देश छोड़कर चले गए, लेकिन थाईलैंड की राजनीति पर उनका प्रभाव बना रहा। आज भी, थाक्सिन के समर्थक उन्हें एक नायक मानते हैं, जबकि उनके आलोचक उन्हें थाईलैंड के लिए खतरा मानते हैं। क्या आप जानते हैं कि shinawatra के समर्थकों में आज भी कितनी लोकप्रियता है?
यिंगलक शिनावात्रा, थाक्सिन शिनावात्रा की छोटी बहन हैं। उन्होंने भी अपने भाई की तरह राजनीति में प्रवेश किया और थाईलैंड की प्रधानमंत्री बनीं। यिंगलक का जन्म 1967 में हुआ था और उन्होंने चियांग माई विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने व्यवसाय प्रशासन में भी मास्टर डिग्री हासिल की। राजनीति में आने से पहले, यिंगलक एक सफल व्यवसायी महिला थीं। उन्होंने SC एसेट कॉर्पोरेशन की अध्यक्ष के रूप में काम किया, जो एक रियल एस्टेट कंपनी है।
2011 में, यिंगलक शिनावात्रा फ्यु थाई पार्टी (Pheu Thai Party) की उम्मीदवार बनीं। उन्होंने गरीबी उन्मूलन, भ्रष्टाचार से लड़ने और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने का वादा किया। उनकी नीतियों ने लोगों को आकर्षित किया और उन्होंने भारी बहुमत से चुनाव जीता। यिंगलक थाईलैंड की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं।
प्रधानमंत्री के रूप में, यिंगलक ने अपने भाई की नीतियों को आगे बढ़ाया। उन्होंने किसानों के लिए चावल सब्सिडी कार्यक्रम शुरू किया, जिससे उन्हें उनकी फसल के लिए अधिक कीमत मिली। उन्होंने बुनियादी ढांचे में निवेश किया और पर्यटन को बढ़ावा दिया। यिंगलक की नीतियों ने थाईलैंड की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया और लोगों के जीवन में सुधार लाया। लेकिन उनकी नीतियां भी विवादों से घिरी रहीं। चावल सब्सिडी कार्यक्रम में भ्रष्टाचार के आरोप लगे और उन पर सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप लगा।
2014 में, यिंगलक शिनावात्रा को एक संवैधानिक न्यायालय द्वारा सत्ता से बेदखल कर दिया गया। उन पर चावल सब्सिडी कार्यक्रम में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था। वह देश छोड़कर चली गईं, लेकिन थाईलैंड की राजनीति पर उनका प्रभाव बना रहा।
shinawatra परिवार ने थाईलैंड की राजनीति और अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव डाला है। उनके समर्थकों का मानना है कि उन्होंने गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य सेवा में सुधार और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण काम किया। उनके आलोचकों का मानना है कि उन्होंने भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया और सत्ता का दुरुपयोग किया।
shinawatra परिवार के समर्थकों में गरीब और ग्रामीण क्षेत्रों के लोग शामिल हैं। वे मानते हैं कि थाक्सिन और यिंगलक ने उनके जीवन में सुधार लाने के लिए काम किया। वे उन्हें गरीबों के मसीहा के रूप में देखते हैं।
shinawatra परिवार के आलोचकों में मध्यम वर्ग और अभिजात वर्ग के लोग शामिल हैं। वे मानते हैं कि थाक्सिन और यिंगलक ने भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया और सत्ता का दुरुपयोग किया। वे उन्हें थाईलैंड के लिए खतरा मानते हैं। क्या आप जानते हैं कि shinawatra परिवार के विरोधी उन्हें लोकतंत्र के लिए खतरा क्यों मानते हैं?
शिनावात्रा परिवार का थाईलैंड पर प्रभाव आज भी बना हुआ है। उनकी विरासत विवादों से घिरी हुई है, लेकिन उनकी नीतियों ने लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। थाईलैंड की राजनीति में उनका स्थान हमेशा महत्वपूर्ण रहेगा। वे एक ऐसे परिवार का प्रतिनिधित्व करते हैं जो थाईलैंड के आधुनिक इतिहास का अभिन्न अंग बन चुका है।
shinawatra परिवार थाईलैंड की राजनीति में एक महत्वपूर्ण शक्ति है। उनके समर्थकों और आलोचकों के बीच गहरे मतभेद हैं, लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि उन्होंने थाईलैंड के इतिहास पर गहरा प्रभाव डाला है। थाक्सिन और यिंगलक शिनावात्रा दोनों ने प्रधानमंत्री के रूप में देश का नेतृत्व किया और कई महत्वपूर्ण नीतियां लागू कीं। उनकी नीतियों ने थाईलैंड की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया और लोगों के जीवन में सुधार लाया, लेकिन वे विवादों से भी घिरे रहे। shinawatra परिवार की कहानी थाईलैंड के आधुनिक इतिहास की एक जटिल और दिलचस्प कहानी है। यह कहानी सत्ता, भ्रष्टाचार, गरीबी और लोकतंत्र के बारे में है। यह कहानी हमें यह याद दिलाती है कि राजनीति में कुछ भी सरल नहीं होता है और हर फैसले के परिणाम होते हैं।
भविष्य में, यह देखना दिलचस्प होगा कि shinawatra परिवार थाईलैंड की राजनीति में किस तरह की भूमिका निभाता है। क्या वे सत्ता में वापस आएंगे? क्या वे थाईलैंड की राजनीति को बदल पाएंगे? इन सवालों का जवाब समय ही देगा। लेकिन एक बात निश्चित है, shinawatra परिवार थाईलैंड की राजनीति में हमेशा एक महत्वपूर्ण शक्ति बना रहेगा।
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