शान की दुनिया: टीन पट्टी का अनुभव और बहुत कुछ
भारतीय संस्कृति में ताश के पत्तों का एक विशेष स्थान है। दीवाली हो या कोई और उत्सव, ताश के खेल हमारी परंपरा का अभिन्न अंग रहे हैं। और जब बात ताश के खेल...
read moreब्रिटेन की राजनीति में ऋषि सुनक का नाम आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है। एक भारतीय मूल के व्यक्ति का ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद तक पहुंचना, न केवल एक ऐतिहासिक घटना है, बल्कि यह इस बात का भी प्रमाण है कि प्रतिभा और मेहनत किसी भी पृष्ठभूमि से आगे बढ़कर सफलता की ऊंचाइयों को छू सकती है। ऋषि सुनक का जीवन और करियर कई लोगों के लिए प्रेरणादायक है, खासकर उन लोगों के लिए जो अपनी जड़ों से जुड़े रहकर वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बनाना चाहते हैं।
ऋषि सुनक का जन्म 12 मई 1980 को साउथैंप्टन, हैम्पशायर में हुआ था। उनके माता-पिता, यशवीर और उषा सुनक, भारतीय मूल के थे जो पूर्वी अफ्रीका से ब्रिटेन आकर बसे थे। यशवीर सुनक एक डॉक्टर थे और उषा सुनक एक फार्मासिस्ट थीं। एक मध्यमवर्गीय परिवार में पले-बढ़े ऋषि को शिक्षा का महत्व बचपन से ही समझ आ गया था।
उन्होंने विंचेस्टर कॉलेज, एक प्रतिष्ठित पब्लिक स्कूल में शिक्षा प्राप्त की, जहां उन्होंने अपनी शैक्षणिक प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इसके बाद, उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में दर्शनशास्त्र, राजनीति और अर्थशास्त्र (पीपीई) का अध्ययन किया। ऑक्सफोर्ड में, उन्होंने अपनी विश्लेषणात्मक और तार्किक क्षमताओं को और विकसित किया, जो बाद में उनके राजनीतिक करियर में बहुत उपयोगी साबित हुईं। ऑक्सफोर्ड के बाद, उन्होंने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री हासिल की, जहां उन्होंने फुलब्राइट स्कॉलर के रूप में अध्ययन किया।
राजनीति में आने से पहले, ऋषि सुनक ने वित्तीय क्षेत्र में काम किया। उन्होंने गोल्डमैन सैक्स में एक विश्लेषक के रूप में काम किया, जहां उन्होंने वित्तीय बाजारों और निवेश प्रबंधन का गहन अनुभव प्राप्त किया। इसके बाद, उन्होंने हेज फंड प्रबंधन कंपनी द चिल्ड्रन इन्वेस्टमेंट फंड मैनेजमेंट में काम किया, जहां उन्होंने विभिन्न कंपनियों में निवेश रणनीतियों को विकसित करने और लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने थेलेम पार्टनर्स नामक एक हेज फंड कंपनी भी स्थापित की।
वित्तीय क्षेत्र में अपने करियर के दौरान, ऋषि सुनक ने न केवल वित्तीय बाजारों की गहरी समझ हासिल की, बल्कि उन्होंने व्यापार और अर्थव्यवस्था के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की। यह अनुभव बाद में उनके राजनीतिक जीवन में बहुत काम आया, खासकर जब उन्होंने ट्रेजरी के चांसलर (वित्त मंत्री) के रूप में देश की अर्थव्यवस्था का प्रबंधन किया।
ऋषि सुनक ने 2015 में रिचमंड (यॉर्कशायर) से संसद सदस्य (सांसद) के रूप में राजनीति में प्रवेश किया। रिचमंड एक सुरक्षित कंजर्वेटिव सीट थी, और सुनक ने आसानी से चुनाव जीत लिया। संसद में आने के बाद, उन्होंने जल्दी ही अपनी प्रतिभा और मेहनत से अपनी पहचान बनाई।
उन्होंने ब्रेक्सिट का समर्थन किया और 2016 के यूरोपीय संघ सदस्यता जनमत संग्रह में यूरोपीय संघ छोड़ने के लिए अभियान चलाया। उनका मानना था कि ब्रिटेन को यूरोपीय संघ से बाहर निकलकर अपनी आर्थिक और राजनीतिक संप्रभुता को पुनः प्राप्त करना चाहिए।
शुरुआत में, ऋषि सुनक को संसद में एक अपेक्षाकृत कम महत्वपूर्ण भूमिका मिली, लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से जल्दी ही तरक्की पाई। उन्हें ट्रेजरी के मुख्य सचिव के रूप में नियुक्त किया गया, जो वित्त मंत्रालय में दूसरा सबसे महत्वपूर्ण पद होता है। इस भूमिका में, उन्होंने तत्कालीन चांसलर साजिद जाविद के साथ मिलकर काम किया और देश की आर्थिक नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
फरवरी 2020 में, ऋषि सुनक को ट्रेजरी का चांसलर नियुक्त किया गया, जो ब्रिटिश सरकार में सबसे महत्वपूर्ण पदों में से एक है। यह नियुक्ति अप्रत्याशित थी, क्योंकि साजिद जाविद ने चांसलर के पद से इस्तीफा दे दिया था। ऋषि सुनक को ऐसे समय में चांसलर बनाया गया जब ब्रिटेन को ब्रेक्सिट के बाद आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था।
चांसलर के रूप में, ऋषि सुनक को कोविड-19 महामारी के दौरान देश की अर्थव्यवस्था को संभालने की जिम्मेदारी मिली। उन्होंने व्यवसायों और व्यक्तियों को समर्थन देने के लिए कई साहसिक और अभूतपूर्व उपाय किए। उन्होंने फर्लो योजना शुरू की, जिसके तहत सरकार ने उन कर्मचारियों के वेतन का भुगतान किया जो महामारी के कारण काम करने में असमर्थ थे। उन्होंने व्यवसायों को ऋण और अनुदान भी प्रदान किए ताकि वे इस मुश्किल समय में जीवित रह सकें।
ऋषि सुनक की आर्थिक नीतियों को व्यापक रूप से सराहा गया, और उन्हें महामारी के दौरान देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का श्रेय दिया जाता है। हालांकि, उनकी नीतियों की कुछ आलोचना भी हुई, खासकर इस बात को लेकर कि उन्होंने देश के कर्ज को बहुत अधिक बढ़ा दिया है।
अक्टूबर 2022 में, ऋषि सुनक को ब्रिटेन का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया, जो एक ऐतिहासिक घटना थी। वह भारतीय मूल के पहले व्यक्ति हैं जो ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने हैं। उन्हें ऐसे समय में प्रधानमंत्री बनाया गया जब ब्रिटेन को राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता का सामना करना पड़ रहा था।
प्रधानमंत्री के रूप में, ऋषि सुनक को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें बढ़ती महंगाई, ऊर्जा संकट और यूक्रेन में युद्ध शामिल हैं। उन्होंने इन चुनौतियों से निपटने के लिए कई उपाय किए हैं, जिनमें करों में वृद्धि और सार्वजनिक खर्च में कटौती शामिल हैं। उन्होंने यूरोपीय संघ के साथ संबंधों को सुधारने और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए भी काम किया है। rishi sunak
ऋषि सुनक की नीतियों को मिश्रित प्रतिक्रिया मिली है। कुछ लोगों का मानना है कि वे देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए आवश्यक हैं, जबकि अन्य का मानना है कि वे बहुत कठोर हैं और गरीबों को नुकसान पहुंचाएंगे।
ऋषि सुनक को एक उदारवादी कंजर्वेटिव माना जाता है। वे मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था, कम करों और सीमित सरकार के समर्थक हैं। वे सामाजिक मुद्दों पर अपेक्षाकृत उदारवादी हैं, और उन्होंने एलजीबीटीक्यू + अधिकारों का समर्थन किया है।
उनकी आर्थिक नीतियों का उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और रोजगार सृजन को बढ़ावा देना है। वे मानते हैं कि करों को कम करके और व्यवसायों के लिए नियमों को आसान बनाकर ऐसा किया जा सकता है। वे सार्वजनिक खर्च को कम करने और देश के कर्ज को कम करने के भी समर्थक हैं।
उनकी सामाजिक नीतियों का उद्देश्य सभी के लिए समान अवसर प्रदान करना और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देना है। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और आवास में निवेश करने का वादा किया है। उन्होंने जलवायु परिवर्तन से निपटने और पर्यावरण की रक्षा करने के लिए भी प्रतिबद्धता जताई है। rishi sunak
ऋषि सुनक एक विवादास्पद व्यक्तित्व हैं। कुछ लोग उन्हें एक प्रतिभाशाली और सक्षम नेता मानते हैं, जबकि अन्य उन्हें अभिजात्य और आम लोगों से कटे हुए मानते हैं।
उनकी आलोचना अक्सर उनकी व्यक्तिगत संपत्ति और वित्तीय पृष्ठभूमि पर केंद्रित होती है। कुछ लोगों का मानना है कि वे आम लोगों की समस्याओं को नहीं समझते हैं और वे अमीरों के हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
हालांकि, उनके समर्थकों का कहना है कि वे एक मेहनती और बुद्धिमान व्यक्ति हैं जो देश की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वे मानते हैं कि वे देश को आर्थिक चुनौतियों से निपटने और सभी के लिए बेहतर भविष्य बनाने में सक्षम हैं। rishi sunak
ऋषि सुनक को प्रधानमंत्री के रूप में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर करना, ऊर्जा संकट से निपटना और यूक्रेन में युद्ध के प्रभावों को कम करना होगा। उन्हें यूरोपीय संघ के साथ संबंधों को सुधारने और देश को एकजुट करने के लिए भी काम करना होगा।
हालांकि, उनके पास कई संभावनाएं भी हैं। वे एक प्रतिभाशाली और सक्षम नेता हैं जो देश को आर्थिक चुनौतियों से निपटने और सभी के लिए बेहतर भविष्य बनाने में सक्षम हैं। वे एक नए युग का प्रतिनिधित्व करते हैं, और वे देश को एक नई दिशा में ले जा सकते हैं।
ऋषि सुनक का भविष्य अनिश्चित है, लेकिन एक बात निश्चित है: वे ब्रिटिश राजनीति में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बने रहेंगे। उनका जीवन और करियर कई लोगों के लिए प्रेरणादायक है, और वे आने वाले वर्षों में देश और दुनिया पर अपनी छाप छोड़
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