रंगों का जादू: जीवन और तीन पत्ती पर प्रभाव
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read moreकार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को rama ekadashi कहा जाता है। यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है और इसका हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। यह व्रत दिवाली से कुछ दिन पहले आता है और इसे करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने से माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है।
एक बार मैंने अपनी दादी से पूछा, "दादी, rama ekadashi का इतना महत्व क्यों है?" दादी ने मुस्कुराते हुए एक कहानी सुनाई। उन्होंने बताया कि प्राचीन काल में एक धर्मात्मा राजा थे, जिनका नाम मुचुकुंद था। वे भगवान विष्णु के परम भक्त थे। उनकी एक पुत्री थी, जिसका नाम चंद्रावती था। चंद्रावती का विवाह शोभन नामक एक राजकुमार से हुआ था। शोभन शारीरिक रूप से कमजोर था और वह एक दिन भी बिना भोजन किए नहीं रह सकता था।
एक बार rama ekadashi का व्रत आया। चंद्रावती ने अपने पति को व्रत रखने के लिए कहा, लेकिन शोभन ने मना कर दिया। चंद्रावती ने उसे समझाया कि यह व्रत बहुत महत्वपूर्ण है और इसे करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। चंद्रावती के बार-बार कहने पर शोभन व्रत रखने के लिए तैयार हो गया, लेकिन वह भूख और प्यास से व्याकुल हो गया और अगले दिन उसकी मृत्यु हो गई।
हालांकि, rama ekadashi व्रत के प्रभाव से शोभन को स्वर्ग की प्राप्ति हुई। उसे एक सुंदर नगर मिला, जो सोने और रत्नों से बना था। चंद्रावती भी अपने पति के साथ स्वर्ग में रहने लगी। इसलिए, यह माना जाता है कि rama ekadashi का व्रत करने से व्यक्ति को स्वर्ग की प्राप्ति होती है और उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
यह व्रत दशमी तिथि की रात से ही शुरू हो जाता है। दशमी की रात को भोजन करने के बाद कुछ भी नहीं खाना चाहिए। एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। फिर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें और उन्हें फूल, फल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
भगवान विष्णु की आरती करें और एकादशी व्रत कथा का पाठ करें। पूरे दिन निराहार रहें। यदि निराहार रहना संभव न हो तो फल और पानी का सेवन कर सकते हैं। शाम को भगवान विष्णु की पूजा करें और आरती करें। अगले दिन, द्वादशी तिथि को व्रत का पारण करें। ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान-दक्षिणा दें।
व्रत के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें:
क्या करें:
क्या न करें:
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