केएनआरयूएचएस: नवीनतम अपडेट और जानकारी
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read moreदीपावली, रोशनी का त्योहार, भारत में सबसे महत्वपूर्ण और व्यापक रूप से मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है। यह त्योहार पांच दिनों तक चलता है, और इसका तीसरा दिन सबसे महत्वपूर्ण होता है, जिसे लक्ष्मीपूजन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन, भक्त देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं, जो धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी हैं।
लक्ष्मीपूजन न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक उत्सव भी है। यह एक ऐसा समय है जब परिवार और दोस्त एक साथ आते हैं, उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं, और स्वादिष्ट भोजन का आनंद लेते हैं। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, और यह हमें याद दिलाता है कि आशा और सकारात्मकता हमेशा संभव है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन देवी लक्ष्मी समुद्र मंथन के दौरान प्रकट हुई थीं। इसलिए, इस दिन उनकी विशेष रूप से पूजा की जाती है। यह भी माना जाता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी अपने भक्तों के घरों में आती हैं और उन्हें आशीर्वाद देती हैं।
लक्ष्मीपूजन की तैयारी कई दिनों पहले शुरू हो जाती है। लोग अपने घरों को साफ करते हैं, सजाते हैं और रंगोली बनाते हैं। नए कपड़े खरीदे जाते हैं, और मिठाइयाँ और अन्य स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते हैं।
पूजा के लिए एक विशेष स्थान तैयार किया जाता है, जहाँ देवी लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र स्थापित किया जाता है। इस स्थान को फूलों, दीयों और अन्य शुभ वस्तुओं से सजाया जाता है।
लक्ष्मीपूजन विधिपूर्वक किया जाता है। सबसे पहले, गणेश जी की पूजा की जाती है, क्योंकि उन्हें विघ्नहर्ता माना जाता है। इसके बाद, देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
पूजा के दौरान, देवी लक्ष्मी को फूल, फल, मिठाई और अन्य प्रसाद चढ़ाए जाते हैं। मंत्रों का जाप किया जाता है, और आरती की जाती है। अंत में, सभी लोग देवी लक्ष्मी से आशीर्वाद मांगते हैं।
मैंने अपनी दादी को हमेशा इस दिन बहुत श्रद्धा से पूजा करते देखा है। वो बताती थीं कि सच्चे मन से की गई पूजा हमेशा फलदायी होती है। मुझे याद है, एक बार हमारे घर में आर्थिक तंगी आ गई थी, लेकिन दादी ने हार नहीं मानी और पूरे विधि-विधान से लक्ष्मीपूजन किया। कुछ ही समय में, हमारे हालात सुधर गए। यह मेरे लिए एक व्यक्तिगत अनुभव है जिसने इस पूजा के प्रति मेरी आस्था को और भी मजबूत कर दिया।
लक्ष्मीपूजन का शुभ मुहूर्त हर साल बदलता रहता है। यह आमतौर पर अमावस्या की तिथि पर प्रदोष काल में होता है। शुभ मुहूर्त जानने के लिए, आप किसी पंडित या ज्योतिषी से सलाह ले सकते हैं।
शुभ मुहूर्त में पूजा करने से देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यह माना जाता है कि इस समय की गई पूजा अधिक फलदायी होती है और भक्तों को सुख, समृद्धि और सौभाग्य प्रदान करती है।
लक्ष्मीपूजन करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:
लक्ष्मीपूजन करने से कई लाभ होते हैं:
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