Rapido: तुरंत राइड, आसान सफर - पूरी जानकारी
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read moreगुरुवायुर एकादशी, केरल के प्रसिद्ध गुरुवायुर मंदिर में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है और भक्त इस दिन उपवास रखते हैं और विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। 2025 में गुरुवायुर एकादशी 2025 कब है, इसका क्या महत्व है, और इसे कैसे मनाया जाता है, आइये जानते हैं।
एकादशी, हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महीने में दो बार आती है - शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में। गुरुवायुर एकादशी, वृश्चिक महीने (नवंबर-दिसंबर) के दौरान शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। यह दिन गुरुवायुर मंदिर में विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह भगवान विष्णु के आशीर्वाद का दिन है। किंवदंती है कि इस दिन, भगवान विष्णु ने अर्जुन को भगवत गीता का उपदेश दिया था। इसलिए, यह दिन ज्ञान और मोक्ष की प्राप्ति के लिए भी महत्वपूर्ण है।
2025 में गुरुवायुर एकादशी की तिथि नवंबर या दिसंबर में होगी। सटीक तिथि पंचांग के अनुसार निर्धारित की जाएगी। भक्तों को सलाह दी जाती है कि वे मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट या स्थानीय पंचांग से तिथि की पुष्टि कर लें। आमतौर पर, एकादशी तिथि सूर्योदय के साथ शुरू होती है और अगले दिन सूर्योदय तक चलती है।
गुरुवायुर एकादशी का विशेष महत्व है। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित है और माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से भक्तों को पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। गुरुवायुर मंदिर में, इस दिन विशेष पूजा-अर्चना और अनुष्ठान किए जाते हैं। हजारों भक्त इस दिन मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यह दिन दान-पुण्य के लिए भी बहुत शुभ माना जाता है। लोग गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करते हैं।
मुझे याद है, एक बार मेरी दादी ने मुझे बताया था कि गुरुवायुर एकादशी के दिन व्रत रखने से न केवल आध्यात्मिक लाभ होता है, बल्कि यह मन और शरीर को भी शुद्ध करता है। उन्होंने हमेशा इस दिन मंदिर जाने और भगवान विष्णु की आराधना करने पर जोर दिया।
गुरुवायुर एकादशी के दिन, भक्त निम्नलिखित अनुष्ठानों और परंपराओं का पालन करते हैं:
गुरुवायुर मंदिर में, एकादशी के दिन विशेष सजावट की जाती है और पूरे मंदिर परिसर को फूलों और रोशनी से सजाया जाता है। मंदिर में विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं, जिनमें संगीत, नृत्य और नाटक शामिल होते हैं।
गुरुवायुर एकादशी 2025 के लिए तैयारी करने के लिए, आप निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं:
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