Big Billion Days 2025: End Date & Key Info
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read moreसमय, एक ऐसा पहलू जो हमारे जीवन को नियंत्रित करता है, हमेशा से ही जिज्ञासा का विषय रहा है। सदियों से, मनुष्य समय को मापने और प्रबंधित करने के तरीकों की तलाश में रहा है। इसी खोज के परिणामस्वरूप, डेलाइट सेविंग टाइम (DST) जैसी अवधारणाएं सामने आईं। क्या 2025 में भारत में भी डेलाइट सेविंग लागू होगा? आइये जानते हैं।
डेलाइट सेविंग टाइम, जिसे आमतौर पर "समर टाइम" के रूप में जाना जाता है, एक ऐसी प्रथा है जिसमें गर्मियों के महीनों के दौरान घड़ियों को मानक समय से एक घंटा आगे कर दिया जाता है, और फिर शरद ऋतु में वापस कर दिया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य दिन के उजाले का बेहतर उपयोग करना है। ऐसा माना जाता है कि इससे ऊर्जा की बचत होती है, क्योंकि लोग शाम को कम रोशनी का उपयोग करते हैं, और सुबह जल्दी उठने के लिए प्रोत्साहित होते हैं।
डेलाइट सेविंग का विचार पहली बार 1907 में विलियम विलेट नामक एक अंग्रेज ने प्रस्तावित किया था। उन्होंने देखा कि गर्मियों में सुबह के समय बहुत उजाला होता है, लेकिन लोग सो रहे होते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि घड़ियों को आगे बढ़ाकर इस उजाले का बेहतर उपयोग किया जा सकता है। हालांकि, उनके विचार को तुरंत नहीं अपनाया गया।
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान, कई देशों ने ऊर्जा बचाने के लिए डेलाइट सेविंग को अपनाया। जर्मनी पहला देश था जिसने 1916 में इसे लागू किया। इसके बाद, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित कई अन्य देशों ने भी इसका अनुसरण किया। युद्ध के बाद, कुछ देशों ने डेलाइट सेविंग को समाप्त कर दिया, लेकिन द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इसे फिर से शुरू किया गया।
भारत में डेलाइट सेविंग को लेकर समय-समय पर चर्चा होती रही है, लेकिन इसे अभी तक राष्ट्रीय स्तर पर लागू नहीं किया गया है। 1962 के भारत-चीन युद्ध और 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान, ऊर्जा बचाने के लिए कुछ समय के लिए डेलाइट सेविंग का उपयोग किया गया था। हालांकि, बाद में इसे बंद कर दिया गया।
भारत जैसे विशाल देश में, जहां अलग-अलग क्षेत्रों में सूर्योदय और सूर्यास्त का समय अलग-अलग होता है, डेलाइट सेविंग को लागू करना एक जटिल मुद्दा है। कुछ लोगों का मानना है कि इससे ऊर्जा की बचत होगी और उत्पादकता बढ़ेगी, जबकि अन्य का मानना है कि इससे लोगों के स्वास्थ्य और जीवनशैली पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
डेलाइट सेविंग के कई फायदे और नुकसान हैं।
2025 में भारत में डेलाइट सेविंग लागू होने की संभावना अभी भी अनिश्चित है। सरकार इस मुद्दे पर विचार कर रही है, लेकिन अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
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